प्रकाशन तिथि: 24 फरवरी 2025, 09:00 AM IST by T Pahan
भूमिका
ग्रामीण भारत में Digital Literacy आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देता है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नए अवसरों को भी जन्म देता है। डिजिटल इंडिया अभियान के तहत, भारत सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर ग्रामीण इलाकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
हालाँकि, इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता, डिजिटल शिक्षा और साइबर सुरक्षा जैसी कई चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। इस लेख में, हम ग्रामीण भारत में Digital Literacy की मौजूदा स्थिति, चुनौतियों, सरकारी पहलों और समाधान पर चर्चा करेंगे।
ग्रामीण भारत में Digital Literacy की मौजूदा स्थिति
ग्रामीण भारत में Digital Literacy दर अभी भी शहरी क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 30% लोग डिजिटल रूप से साक्षर हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दर 60% से अधिक है।

मुख्य चुनौतियाँ और समस्याएँ
1. इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी
- भारत के कई ग्रामीण इलाकों में 4G और 5G नेटवर्क की पहुँच अभी भी सीमित है।
- भारतनेट परियोजना के तहत 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी यह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है।
- सैटेलाइट इंटरनेट (जैसे Starlink) ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
2. डिजिटल उपकरणों की सीमित उपलब्धता
- स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर की कीमतें ग्रामीण भारत में एक बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
- ग्रामीण परिवारों में एक ही मोबाइल फोन कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जिससे डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग मुश्किल हो जाता है।
- सरकार और निजी कंपनियों को कम लागत वाले डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
3. डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षकों की कमी
- ग्रामीण इलाकों में Digital Literacy प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों की भारी कमी है।
- ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म जैसे SWAYAM और DIKSHA गाँवों तक पूरी तरह से नहीं पहुँच पाए हैं।
- स्कूलों और पंचायतों में Digital Literacy केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है।
4. साइबर सुरक्षा और डिजिटल जागरूकता की कमी
- ग्रामीण भारत में ऑनलाइन फ्रॉड, डेटा चोरी और साइबर क्राइम की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
- लोगों को साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूक करना जरूरी है।
- सरकार और निजी कंपनियों को साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।
डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल
भारत सरकार ने ग्रामीण भारत में Digital Literacy बढ़ाने के लिए कई प्रमुख योजनाएँ शुरू की हैं।
1. प्रधानमंत्री Digital Literacy अभियान (PMGDISHA)
- इस योजना के तहत 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों को डिजिटल शिक्षा देने का लक्ष्य रखा गया है।
- प्रशिक्षण में ऑनलाइन भुगतान, ई-मेल का उपयोग, सरकारी सेवाओं तक डिजिटल पहुंच आदि शामिल हैं।
- अब तक लाखों लोग इस योजना के तहत प्रशिक्षित किए जा चुके हैं।
2. भारतनेट परियोजना
- भारतनेट परियोजना के तहत गाँवों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
- इस परियोजना के तहत ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक वाई-फाई और ब्रॉडबैंड नेटवर्क स्थापित किए जा रहे हैं।
3. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पहल
- डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- स्टार्टअप इंडिया पहल से डिजिटल स्टार्टअप्स और ग्रामीण ई-कॉमर्स को बढ़ावा मिल रहा है।

निजी क्षेत्र की भूमिका और CSR पहल
1. टेलीकॉम कंपनियों का योगदान
- रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया सस्ते डेटा पैक और ग्रामीण नेटवर्क विस्तार पर काम कर रहे हैं।
- 5G नेटवर्क और सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट को गाँवों में बढ़ाने की जरूरत है।
2. सस्ते डिजिटल उपकरण और लोकल मैन्युफैक्चरिंग
- “मेक इन इंडिया” पहल के तहत कई कंपनियाँ सस्ते स्मार्टफोन और टैबलेट बना रही हैं।
- सरकार और निजी कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष सब्सिडी योजना लानी चाहिए।
3. ई-कॉमर्स और डिजिटल बैंकिंग का विस्तार
- UPI और डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ ग्रामीण भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।
- Amazon, Flipkart और Paytm जैसी कंपनियाँ गाँवों में ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही हैं।
Digital Literacy को बढ़ावा देने के लिए समाधान
1. इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
- 5G नेटवर्क, सैटेलाइट इंटरनेट और पब्लिक वाई-फाई को गाँवों में बढ़ाने की जरूरत है।
2. डिजिटल शिक्षा पर जोर
- डिजिटल साक्षरता केंद्रों की स्थापना और ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म्स को गाँवों तक पहुँचाना जरूरी है।
3. महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष कार्यक्रम
- महिलाओं, किसानों और बुजुर्गों को ऑनलाइन बैंकिंग, सरकारी योजनाओं और ई-हेल्थ सेवाओं की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
4. साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान
- डिजिटल फ्रॉड और साइबर सुरक्षा पर सरकारी और निजी क्षेत्र को मिलकर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
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निष्कर्ष
ग्रामीण भारत की Digital Literacy क्रांति अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन अगर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर सही दिशा में प्रयास करें, तो डिजिटल साक्षरता को तेजी से बढ़ाया जा सकता है।
डिजिटल साक्षरता बढ़ने से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आर्थिक समृद्धि में सुधार होगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
“डिजिटल इंडिया” का सपना तभी पूरा होगा, जब ग्रामीण भारत भी पूरी तरह डिजिटल रूप से सशक्त होगा।