22 फरवरी 2025 | स्थान: New Delhi
USAID के $21 मिलियन चुनाव फंडिंग पर भारत में विवाद गहराया! सरकार ने विदेशी हस्तक्षेप की जांच शुरू की। पूरी जानकारी पढ़ें|
क्या है USAID चुनाव फंडिंग विवाद?
अमेरिकी एजेंसी USAID द्वारा भारत में चुनावों के लिए कथित रूप से $21 मिलियन (लगभग 182 करोड़ रुपये) की फंडिंग के दावे ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद भारत सरकार ने इस मामले की आधिकारिक जांच शुरू कर दी है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
US President Donald Trump ने एक जनसभा में दावा किया कि USAID ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए $21 मिलियन की फंडिंग की है। उन्होंने कहा:
“हम भारत में मतदान के लिए $21 मिलियन क्यों खर्च कर रहे हैं? यह एक रिश्वत जैसी योजना लगती है।”
इस बयान ने अमेरिका और भारत में नए विवाद को जन्म दिया और भारतीय सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Randhir Jayswal ने कहा:
“हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी देखी है, जो बहुत ही परेशान करने वाली हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित विभाग और एजेंसियां जांच कर रही हैं।”
भाजपा सांसद Ravishankar Prasad ने कांग्रेस पर विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि:
“Rahul Gandhi लगातार विदेशी हस्तक्षेप की वकालत करते हैं और अब ट्रंप के बयान ने उनकी मंशा उजागर कर दी है।”
🔍 क्या सच में India को मिली थी USAID की फंडिंग?
रिपोर्ट्स के अनुसार, $21 मिलियन की यह फंडिंग India के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए थी।
‘Indian Express‘ की रिपोर्ट के अनुसार, यह रकम “अमर वोट अमर” (मेरा वोट मेरा है) परियोजना के तहत बांग्लादेश में खर्च हुई, जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना था।
इसके बावजूद, भारत सरकार मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत में किसी भी प्रकार की विदेशी चुनावी हस्तक्षेप नहीं हुआ।
USAID और वीना रेड्डी का नाम विवाद में क्यों आया?
USAID की पूर्व भारत निदेशक Veena Reddy का नाम भी इस विवाद से जुड़ गया है। भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने USAID इंडिया की बढ़ती फंडिंग पर सवाल उठाए और जांच की मांग की है।
USAID India की फंडिंग में बढ़ोतरी:
- 2020 में: $116 मिलियन
- 2021 में: $164 मिलियन
- 2022 में: $228 मिलियन (रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा)
Mahesh Jethmalani ने कहा कि यह फंडिंग पैटर्न संदिग्ध है और Veena Reddy के कार्यकाल की जांच होनी चाहिए।
क्या होगा इस विवाद का असर?
1️⃣ India -USA संबंधों पर प्रभाव
- भारत सरकार का सख्त रुख दिखाता है कि वह किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगी।
- यदि जांच में कुछ ठोस सबूत मिलते हैं, तो यह भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ा सकता है।
2️⃣ भारतीय राजनीति में गर्मागर्मी
- भाजपा ने कांग्रेस पर विदेशी हस्तक्षेप का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
- कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की ध्यान भटकाने की रणनीति बताया।
3️⃣ USAID की विश्वसनीयता पर सवाल
- अगर यह फंडिंग वास्तव में बांग्लादेश के लिए थी, तो USAID को इसे स्पष्ट करना होगा।
- अमेरिका के अंदर भी ट्रंप प्रशासन इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बना सकता है।
निष्कर्ष – आगे क्या होगा?
- भारत सरकार इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
- USAID को अब अपनी फंडिंग प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण देना होगा।
- अगर कोई ठोस सबूत मिला तो यह भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
आपकी राय क्या है?
- क्या भारत को विदेशी फंडिंग पर कड़े नियम लागू करने चाहिए?
- USAID की भूमिका को लेकर आपकी क्या राय है?
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